Welcome to @UtkarshClasses Telegram Channel.
✍️ Fastest growing Online Education App ?
?Explore Other Channels: ?
http://link.utkarsh.com/UtkarshClassesTelegram
? Download The App
http://bit.ly/UtkarshApp
? YouTube?
http://bit.ly/UtkarshClasses
Last updated 2 months, 3 weeks ago
https://telegram.me/SKResult
☝️
SK Result
इस लिंक से अपने दोस्तों को भी आप जोड़ सकते हो सभी के पास शेयर कर दो इस लिंक को ताकि उनको भी सही जानकारी मिल सके सही समय पर
Last updated 2 days, 9 hours ago
प्यारे बच्चो, अब तैयारी करे सभी गवर्नमेंट Exams जैसे SSC CGL,CPO,CHSL,MTS,GD,Delhi पुलिस,यूपी पुलिस,RRB NTPC,Group-D,Teaching Exams- KVS,CTET,DSSSB & बैंकिंग Exams की Careerwill App के साथ बहुत ही कम फ़ीस और इंडिया के सबसे बेहतरीन टीचर्स की टीम के साथ |
Last updated 2 months ago
जय श्री राम
कुछ दिन पहले हमें 2 गाएं मिली जिनके चोट लगी हुई थी। हमने उनकी चोट का यथासंभव उपचार किया।
इस गौसेवा में सहयोग करने वाले सभी बंधुओं को बहुत- बहुत धन्यवाद।
https://youtu.be/Iw3HWU3k9Ow?si=B5WdXhj1X5Px_Vup
आप मुझे नीचे दिए गए upi id पर सहायता कर सकते है।
satyam9785@cnrb
तुम ,
तुम्हारी सृष्टि ,
तुम्हारा नियम ,
बिधि तुम्हारी और
तुम्हारी इच्छा
मैं
भक्त तुम्हारा
तुम्हारी सृष्टि में ,
तुम्हारे नियम से बंधा हुआ ..
तुम्हारी इच्छा से जीवन मेरा ..
अर्पण, समर्पण , भक्ति , भाव
सब कुछ तुम्हारा...
सुख भी और दुःख भी ..
कर्म मेरा पीड़ा मेरी
सहानुभूति तुम्हारा ...
तुम ईश्वर
मैं सत्ता-हीन
ये जन्म-जन्मांतर का बन्धन हमारा ...
तन , मन , प्राण मेरा
और चरण तुम्हारा ...
तुम मेरे सर्वस्व
मैं दास तुम्हारा ...
?
केवल वर्ण और जाति ही क्यों मिटानी है आपको ? परिवार भी मिटा दीजिये। माता, पिता, सास, बहू, बेटा, बहन, आदि में भी कितने झगड़े चल रहे हैं तो एकता आयेगी कैसे ? जाति से अधिक मुकदमे तो परिवार के नाम पर चल रहे न तो परिवार को मिटाकर हिन्दू एकता लाओ, केवल नर मादा रहने दो और उसके बाद उसका भेद भी मिटा दो। काल्पनिक पार्टियों के नाम पर बंटे रहना स्वीकार है, पारिवारिक रिश्तों में बंटे रहना स्वीकार है लेकिन जिस शास्त्रीय वर्णाश्रम विधान से धर्म व्यवस्था पुष्ट है, उसमें मानसिक म्लेच्छ बना हिन्दू नहीं रहना चाहता है।
- निग्रहचार्य श्रीभागवतानंद गुरु
जन्मना जायते शूद्रः संस्काराद्द्विज उच्यते ॥
(स्कन्दपुराण)
यहाँ जन्म से शूद्र इसीलिए कहा क्योंकि असंस्कृत व्यक्ति की शूद्रवत् संज्ञा है। जैसे शूद्र को वेदाध्ययन का अधिकार नहीं, वैसे ही अनुपवीती ब्राह्मण को भी नहीं।
इसीलिए उसी स्कन्दपुराण में फिर कहा :-
ब्राह्मणो हि महद्भूतं जन्मना सह जायते ॥
ब्राह्मण जन्म से ही महान् है।
ब्रह्म को जानने वाला ब्राह्मण है, यह बात सत्य है लेकिन उससे पहले ब्राह्मण माता पिता और गुरु की भी आवश्यकता है। तब वह ब्रह्म को जान पाता है। यहां कॉलेज का सिलेबस खत्म कर नहीं पाते, चले हैं ब्रह्मज्ञान भांजने।
धर्म का अंतिम प्रयोजन क्या है?
स्थिति बनी रहे यह तो है ही, लेकिन स्थिति बनी रहे इससे प्रयोजन क्या सिद्ध होगा?
प्रयोजन तो इस सृष्टि का केवल मोक्ष ही है।
इसलिये शास्त्रकारों ने कहा है 'जीवन्मुक्तिसुखप्राप्तिहेतवे जन्म' हमारा जन्म इसलिये होता है कि हम जीवन्मुक्ति के सुख को प्राप्त करें ।
क्षुद्र भोगों की प्राप्ति तो पशु पक्षी शरीरों में भी होती है।
इसके लिये बुद्धि वाले मनुष्य की कोई जरूरत नहीं है।
भोग भोगना तो मन, इन्द्रिय से ही हो जाता है।
उसमें उचित-अनुचित समझने वाली बुद्धि की जरूरत नहीं है।
मनुष्य के अन्दर जो यह उचित-अनुचित की बुद्धि है वह इसलिये कि जीवन्मुक्ति के सुख को प्राप्त करे ।
अतः उस मार्ग का प्रवर्तन करने के लिये उन्होंने सनकादि को उत्पन्न किया और उनको निवृत्ति धर्म का उपदेश दिया।
निवृत्तिलक्षण धर्म क्या है?
‘ज्ञानवैराग्यलक्षणम्' जिसमें परमात्मा का ज्ञान हो
और
संसार के प्रति वैराग्य हो।
यह निवृत्ति का स्वरूप है।
यह सारा संसार ठीक-ठीक चलता रहे इसके लिये उन्होंने मरीचि आदि को प्रवृत्ति धर्म का उपदेश दिया जिसे यहाँ 'धर्मक्षेत्र' से कहा।
सनकादि को उत्पन्न करके उन्होंने ज्ञान वैराग्य का उपदेश दिया, निवृत्तिलक्षण धर्म का उपदेश दिया, जिसे यहाँ 'कुरुक्षेत्र' से कहा।
सनक सनंदन को उन्होंने क्यों चुना? क्योंकि इन्हें नित्यकुमार कहा है।
'कुत्सितः मारः येन स कुमारः' जिसने कामदेव को जीत लिया है, उसको कुत्सित कर दिया है, वही कुमार है।
चूँकि सनकादियों ने पहले ही कामनाओं को नष्ट कर दिया था इसलिये वे इस उपदेश को पाने के योग्य थे। अतः उनके द्वारा निवृत्ति मार्ग का प्रवर्तन किया।
केवल दो प्रकार के ही धर्म सारे शास्त्रों में प्रतिपादित हैंप्रवृत्ति और निवृत्ति ।
जगत् की स्थिति का कारण जो प्रवृत्ति धर्म है वही प्राणियों के अभ्युदय का कारण है।
उसी धर्म का ईश्वरार्पण बुद्धि से अनुष्ठान करने पर वह मोक्ष का कारण हो जाता है।
वह धर्म ब्राह्मण आदि, गृहस्थ आदि जो वर्ण और आश्रम वाले हैं, उनके द्वारा अनुष्ठित होकर ही कल्याण का साधन होता है।
भगवान् ने उपदेश दे दिया, दीर्घ काल तक धर्म चलता भी रहा।
सनकादि तो कामशून्य थे परन्तु अधिकतर लोग कामना वाले ही होते हैं।
इसलिये अधिकतर ब्राह्मणादि वर्णाश्रमी विज्ञान के लिये हेतु बनने वाले निष्काम कर्मों को छोड़कर कामनापूर्ति के कर्मों मे ही प्रवृत्त होते हैं।
विवेक की कमी के कारण उचित-अनुचित को अलग-अलग न कर अधर्म को ही ठीक मान लेते हैं अतः अधर्म ही बढ़ता जाता है।
यह समझने के लिये अनुमान की जरूरत नहीं है, आजकल के युग में सर्वत्र देख ही रहे हो।
विवेक विज्ञान न होने के कारण ही हम अधर्म को आवश्यक मानते हैं और कहते हैं कि अधर्म के बिना काम नहीं चल सकता।
ऐसा ही अधिकतर लोगों के मन में बैठा हुआ है। इस तरह से अधर्म के द्वारा धर्म दब जाता है और चारों तरफ अधर्म ही देखने में आता है।
श्रीकृष्ण संदेश
ब्रह्मलीन पूज्य महेशानंद गिरी जी
??
जब आर्य समाजी गीता जी के श्लोकों को वेद विरुद्ध बताते है तो ऐसा लगता है पाँचवी कक्षा का बालक दसवीं कक्षा की किताबों को पढ़ कर फर्जी बता रहा है।
जैसे हम फिर उस बालक को कुछ नही समझाते क्योंकि जानते है वो अभी पूर्ण बात नही जानता वेसे ही आर्य समाजियों से बहस नही करना।
जहाँ दिखे मूर्ख जोड़ लीजिए हाथ।?
और और और
मूर्ख को यह बताने में भी अपना समय नष्ट न करो कि वह मूर्ख है क्योंकि वह मानेगा ही नहीं कि वह मूर्ख है।
चूहा दिखाई दिया
गले में पड़ा सर्प न दिखा
ऐसी बुद्धि वाले स्वयं को सबसे बड़ा ज्ञानी घोषित किए हुए हैं।
#कुएं_के_मेढ़क
स्वामी दयानन्द जी का द्वेष पूर्ण भाष्य
मनुस्मृति के अध्याय 4 श्लोक 85 में किस राजा से दान ग्रहण नही करना चाहिए ये लिखा है।
श्लोक -
दशसूनासमं चक्रं दशचक्रसमो ध्वजः ।
दशध्वजसमो वेषो दशवेषसमो नृपः ॥
इस श्लोक का प्रयोग दयानन्द जी ने अपनी पुस्तक संस्कारविधि में गृहाश्रमप्रकरण में किया है और इसका अनुवाद भी उन्होंने किया है।
श्लोक में 'दशध्वजसम: वेश:' शब्द का अर्थ दयानन्द जी ने 'पाषाण मूर्तियों के पूजक(पुजारी)' किया है।
जबकि इस शब्द का अर्थ ऐसा बिल्कुल नही है।
मनुस्मृति के इस श्लोक को दयानन्द जी प्रमाण के रूप में प्रयोग करते है और आर्य समाज के ही विद्वान डॉक्टर सुरेंद्र कुमार जी इस श्लोक को मिलावटी बताते है। अब कोन सही कोन गलत ये तो आर्य समाज वाले ही जाने।
E-समिधा
Welcome to @UtkarshClasses Telegram Channel.
✍️ Fastest growing Online Education App ?
?Explore Other Channels: ?
http://link.utkarsh.com/UtkarshClassesTelegram
? Download The App
http://bit.ly/UtkarshApp
? YouTube?
http://bit.ly/UtkarshClasses
Last updated 2 months, 3 weeks ago
https://telegram.me/SKResult
☝️
SK Result
इस लिंक से अपने दोस्तों को भी आप जोड़ सकते हो सभी के पास शेयर कर दो इस लिंक को ताकि उनको भी सही जानकारी मिल सके सही समय पर
Last updated 2 days, 9 hours ago
प्यारे बच्चो, अब तैयारी करे सभी गवर्नमेंट Exams जैसे SSC CGL,CPO,CHSL,MTS,GD,Delhi पुलिस,यूपी पुलिस,RRB NTPC,Group-D,Teaching Exams- KVS,CTET,DSSSB & बैंकिंग Exams की Careerwill App के साथ बहुत ही कम फ़ीस और इंडिया के सबसे बेहतरीन टीचर्स की टीम के साथ |
Last updated 2 months ago