The Hindu Order

Description
Hindu Order : The Rise of Dharma

लक्ष्य- जगद्गुरु शंकराचार्य पुरीपीठाधीश्वर महाराज के समर्थ मार्गदर्शन में भारत को निकट भविष्यमें अखण्ड हिन्दुराष्ट्र के रूपमें उद्भासित करना।
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Last updated 2 days, 18 hours ago

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2 weeks, 4 days ago
**हमें चमत्कार, सिद्धि या शान्ति आदि …

हमें चमत्कार, सिद्धि या शान्ति आदि गुणों से मोहित नहीं होना है! हमें वेद-पुराणों के अनुसार ही चलना होगा चाहे उसमें कमियाँ ही क्यों न दीखें!
यह वैदिकों का धर्म है।

4 weeks ago

करुणानिधान 🙇🏻🥹

1 month ago
1 month ago

Unite against blasphemy!
Raitas' malicious & cheap attacks in comment section against HH Jagadguru Shankaracharya Bhagwan won't go unchallenged. Flood the comments with love, support, and positivity!

First of all like & share the video. On top of that like and support the positive comments while reporting and disliking negative comments. Join this movement, let's defend Jagadguru's dignity and Varnashrama Dharma together! 🚩

1 month ago
***🔥*** **शिवलिङ्गोद्भव महामहोत्सव** ***🔥***

🔥 शिवलिङ्गोद्भव महामहोत्सव 🔥

यत्पुनः स्तम्भरूपेण स्वाविरासमहं पुरा।
स कालो मार्गशीर्षे तु स्यादार्द्राऋक्षमर्भकौ॥
आर्द्रायां मार्गशीर्षे तु यः पश्येन्मामुमासखम्।
मद्वेरमपि वा लिङ्गं स गुहादपि मे प्रियः॥
अलं दर्शनमात्रेण फल तस्मिन् दिने शुभे।
अभ्यर्चनं चेधिकं फलं वाचामगोचरम्॥

(श्रीशिवमहापुराण, विद्येश्वरसंहिता, अध्याय ९, श्लोक १४-१६)

हे वत्सो ! पहले मैं जब ज्योतिर्मय ज्वालामालासहस्राढ्य स्तम्भाकार शिवलिङ्गरूपसे प्रकट हुआ था, उस समय मार्गशीर्षमासमें आर्द्रा नक्षत्र था। अतः जो पुरुष मार्गशीर्षमासमें आर्द्रा नक्षत्र होनेपर मुझ उमापतिका दर्शन करता है अथवा मेरी मूर्ति या लिङ्गकी ही झाँकीका दर्शन करता है, वह मेरे लिये कार्तिकेयसे भी अधिक प्रिय है। उस शुभ दिन मेरे दर्शनमात्रसे पूरा फल प्राप्त होता है। यदि [दर्शनके साथ-साथ] मेरा पूजन भी किया जाय तो उसका अधिक फल प्राप्त होता है, जिसका वाणीद्वारा वर्णन नहीं हो सकता॥१५-१७॥

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यह नक्षत्र — मंगलवार (19-11-2024) को है।
मङ्गलवार को सम्पूर्ण दिवस।

विशेष- रुद्राभिषेक, शिवलिङ्गार्चन, पार्थिवेश्वरपूजन, शिवलिङ्ग दर्शन आदि करें।

1 month, 2 weeks ago
The Hindu Order
1 month, 2 weeks ago
The Hindu Order
1 month, 3 weeks ago

🌸 सभी सनातनधर्मावलम्बी धर्मप्रेमीसज्जनों!!
आज आप सभी उपर्युक्तविधिसे सवत्स भगवती वेदलक्षणा गोमाता का पूजन सम्पन्न करें।
🍃 पूजनके अनन्तर भारतवर्षके समस्त धर्मानुरागी बन्धुओं के परस्पर उत्साहवर्धन हेतु अपने द्वारा पूजित वेदलक्षणा गोमाता का चित्र भी कमेन्ट रूप में अवश्य ही प्रेषित करें!! @Dharmveer_Dal

गोमाताकी जय हो! गोहत्या बन्द हो!!

1 month, 3 weeks ago

अतिसंक्षिप्तगोपूजनम्

(पूजनकर्त्ता कृतनित्यक्रियः सर्वपूजनसाधारर्णी व्यवस्थां सम्पाद्य संकल्पपूर्वकं यथोपचारैः सवत्सां गां पूजयेत्।)

संकल्पः-
अद्येत्यादि देशकालौ संकीर्त्य अमुकोऽहं सवत्सगोपूजनं करिष्ये। (अमुक के स्थान पर अपना-अपना नाम लें)
ध्यानम्-
यया सर्वमिदं व्याप्तं जगत्स्थावरजंगमम्।
तां धेनुं शिरसा वन्दे भूतभव्यस्य मातरम्॥
औं सवत्सगव्यै नमः ध्यानं समर्पयामि।

आवाहनम्-
औं सवत्सगव्यै नमः आवाहनं समर्पयामि।

आसनम्-
औं सवत्सगव्यै नमः आसनं समर्पयामि।

जलम्-
औं सवत्सगव्यै नमः पाद्यार्घाचमनीयस्नानीयपुनराचमनीयानि समर्पयामि।

चन्दनम्-
औं सवत्सगव्यै नमः इदमनुलेपनं समर्पयामि।

अक्षताः-
औं सवत्सगव्यै नमः अक्षतान् समर्पयामि।

पुष्पम्-
औं सवत्सगव्यै नमः पुष्यं पुष्पमाल्यं च समर्पयामि।

धूपः-
औं सवत्सगव्यै नमः धूपमाघ्घ्रापयामि।

दीपः-
औं सवत्सगव्यै नमः दीपं दर्शयामि।

नैवेद्यम्
औं सवत्सगव्यै नमः नैवेद्यं निवेदयामि।

आचमनम्-
औं सवत्सगव्यै नमः आचमनीयं समर्पयामि।

दक्षिणादव्यम्-
औं सवत्सगव्यै नमः दक्षिणाद्रव्यं समर्पयामि।

पुष्पांजलिः-
औं सवत्सगव्यै नमः पुष्पांजलिं समर्पयामि।

प्रदक्षिणा-
औं सवत्सगव्यै नमः प्रदक्षिणां समर्पयामि।

नमस्कारः-
गावो ममाग्रतः सन्तु गावो मे सन्तु पृष्ठतः।
गावो मे हृदये सन्तु गवां मध्ये वसाम्यहम्॥
औं सवत्सगव्यै नमः नमस्कारं निवेदयामि।

(इससे भी कम समय में पूजन के लिये गन्ध, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य से पंचोपचार पूजन कर ले।)

अनेन यथालब्धोपचारपूजनेन गोमाता प्रीयतां न मम।

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