Parvind Study Point Channel

Description
Hello friends!! In "Parvind Study Point" all of you will get information related to current affairs, static GK, GS, quiz, job, result etc study related information in Hindi.
We recommend to visit

® 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐂𝐡𝐚𝐧𝐧𝐞𝐥

ᴍᴀᴛʜs & ʀᴇᴀsᴏɴɪɴɢ

ssᴄ, ʀᴀɪʟᴡᴀʏ, ᴜᴘsᴄ, ʙᴀɴᴋɪɴɢ, ᴘᴀᴛᴡᴀʀ, ᴘᴏʟɪᴄᴇ, ᴛᴇᴛ & ᴀʟʟ ᴏᴛʜᴇʀ ᴇxᴀᴍs

✆ ᴄᴏɴᴛᴀᴄᴛ & ᴘʀᴏᴍᴏ. ➛

🙏 𝐏𝐥𝐞𝐚𝐬𝐞 𝐃𝐨𝐧'𝐭 𝐋𝐞𝐚𝐯𝐞

Last updated 1 month ago

NOTE : Last post in channel is advertisement. we are not responsible for any fraud through ads in our channel.

?Advertisement

♥️Hello Friends I Am Also Sell's Telegram Channel's

?DMCA takedown / Any Content removal:

Last updated 2 years, 4 months ago

यहां आपको SSC-CGL, CHSL, MTS तथा Railway Group D/ALP/RPF से संबंधित GK/GS का Study Materials मिलेगा।

Last updated 3 years, 6 months ago

2 years, 6 months ago

आज का प्रेरक प्रसंग
????????

राजा और अतिथि की पगड़ी

एक राजा ने दरबार में सुबह ही सुबह दरबारियों को बुलाया । उसका दरबार भरता ही जाना था की एक अजनबी यात्री वहा आया । वह किसी दूर देश का रहने वाला होगा । उसके वस्त्र पहचाने हुए से नही मालूम पड़ते थे । उसकी शक्ल भी अपरिचित थी , लेकिन वह बड़े गरिमाशाली और गौरवशाली व्यक्तित्व का धनी मालूम होता था । सारे दरबार के लोग उसकी तरफ देखते ही रह गए । उसने एक बड़ी शानदार पगड़ी पहन रखी थी । वैसी पगड़ी उस देश में कभी नही देखी गयी थी । वह बहोत रंग – बिरंगी छापेदार थी । ऊपर चमकदार चीजे लगी थी । राजा ने पूछा – अतिथि ! क्या मै पूछ सकता हु की यह पगड़ी कितनी महंगी है और कहा से खरीदी गयी है ? उस आदमी ने कहा – यह बहुत महंगी पगड़ी है । एक हजार स्वर्ण मुद्रा मुझे खर्च करनी पड़ी है ।
वजीर राजा की बगल में बैठा था । और वजीर स्वभावतः चालाक होते है , नही तो उन्हें कौन वजीर बनाएगा ? उसने राजा के कान में कहा – सावधान ! यह पगड़ी बीस – पच्चीस रुपये से जादा की नही मालूम पड़ती । यह हजार स्वर्ण मुद्रा बता रहा है । इसका लूटने का इरादा है ।

उस अतिथि ने भी उस वजीर को , जो राजा के कान में कुछ कह रहा था , उसके चेहरे से पहचान लिया । वह अतिथि भी कोई नौसिखिया नही था । उसने भी बहोत दरबार देखे थे और बहोत दरबारों में वजीर और राजा देखे थे । वजीर ने जैसे ही अपना मुह राजा की कान से हटाया , वह नवांगतुक बोला – क्या मैं फिर लौट जाऊ ? मुझे कहाँ गया था की इस पगड़ी को खरीदने वाला सारी जमींन पर एक ही सम्राट है । एक ही राजा है । क्या मै लौट जाऊ इस दरबार से । और मैं समझू की यह दरबार , वह दरबार नही है जिसकी की मै खोज में हूँ ? मै कही और जाऊ ? मै बहुत से दरबारों से वापस आया हु । मुझे कहा गया है की एक ही राजा है इस ज़मीन पर , जो पगड़ी को एक हजार स्वर्ण मुद्राओं में खरीद सकता है । तो क्या मै लौट जाऊ ? क्या यह दरबार वह दरबार नही है ?

राजा ने कहा दो हजार स्वर्ण मुद्रा दो और पगड़ी खरीद लो । वजीर बहुत हैरान हुवा । जब वजीर चलने लगा तो उस आए हुए अतिथि ने वजीर के कान में कहा – मित्र ! "यू मे बी नोइंग द प्राइस ऑफ़ द टर्बन , बट आइ नो द वीकनेसेस ऑफ़ द किंग" तुम जानते हो की पगड़ी के दाम कितने है , लेकिन मै राजाओं की कमजोरियां
जानता हूँ ।

अलग अलग धर्मो के धर्मगुरु ईश्वर को तो नही जानते है , आदमी की कमजोरियों को जानते है और यही उनसे खतरा है । उन्ही कमजोरियों का शोषण चल रहा है । आदमी बहोत कमजोर है और बड़ी कमजोरिया है उसमेँ । उसकी कमजोरियों का शोषण हो रहा है ।

स्मरण रखे – जो परमात्मा की शक्ति को जानता है , उसके लिए ज़मीन पर कोई कमजोरी नही रह जाती और जो परमात्मा को पहचानता है , उसके लिए शोषण असंभव है ।

2 years, 6 months ago

?•┈✤आज का सुविचार✤┈•?

??????????

कभी- कभी दूरियां और एकांत

ही

खुद के लिए सर्वोत्तम मेडिसिन

साबित होता है

??????????

?‍♂ जय श्री कृष्णा ?‍♂
? सुप्रभातम् ?

2 years, 6 months ago

आज का प्रेरक प्रसंग
????????

संगत का असर

आइंस्टीन के ड्राइवर ने एक बार आइंस्टीन से कहा--"सर, मैंने हर बैठक में आपके द्वारा दिए गए हर भाषण को याद किया है।"

आइंस्टीन हैरान !!!

उन्होंने कहा- "ठीक है, अगले आयोजक मुझे नहीं जानते।आप मेरे स्थान पर वहां बोलिए और मैं ड्राइवर बनूंगा।

ऐसा ही हुआ, बैठक में अगले दिन ड्राइवर मंच पर चढ़ गया।और भाषण देने लगा...

उपस्थित विद्वानों ने जोर-शोर से तालियां बजाईं।

उस समय एक प्रोफेसर ने ड्राइवर से पूछा - "सर, क्या आप उस सापेक्षता की परिभाषा को फिर से समझा सकते हैं ?"

असली आइंस्टीन ने देखा बड़ा खतरा !!!

इस बार वाहन चालक पकड़ा जाएगा। लेकिन ड्राइवर का जवाब सुनकर वे हैरान रह गए...

ड्राइवर ने जवाब दिया- "क्या यह आसान बात आपके दिमाग में नहीं आई ?

मेरे ड्राइवर से पूछिए,---वह आपको समझाएगा ।"

नोट : "यदि आप बुद्धिमान लोगों के साथ चलते हैं, तो आप भी बुद्धिमान बनेंगे और मूर्खों के साथ ही सदा उठेंगे-बैठेंगे तो आपका मानसिक तथा बुद्धिमता का स्तर और सोच भी उन्हीं की भांति हो जाएगी..!!!

2 years, 6 months ago

?•┈✤आज का सुविचार✤┈•?

⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️

अपनी आँखे भी खोलनी पड़ती

है उजाले के लिए,

केवल सूरज के निकलने से ही

अँधेरा नही जाता

⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️⛅️

?‍♂ जय श्री कृष्णा ?‍♂
? सुप्रभातम् ?

2 years, 6 months ago

आज का प्रेरक प्रसंग
????????

सबसे कीमती उपहार

राजा महेन्द्रनाथ हर वर्ष अपने राज्य में एक प्रतियोगिता का आयोजन करते थे, जिसमें हजारों की संख्या में प्रतियोगी भाग लिया करते थे और विजेता को पुरुस्कार से सम्मानित किया जाता है।

एक दिन राजा ने सोचा कि प्रजा की सेवा को बढ़ाने के लिए उन्हें एक राजपुरूष की आवश्यकता है जो बुद्धिमान हो और समाज के कार्य में अपना योगदान दे सके। उन्होंने राजपुरूष की नियुक्ति के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्णय लिया।

दूर-दूर से इस बार लाखों की संख्या में प्रतियोगी आये हुए थे।

राजा ने इस प्रतियोगिता के लिए एक बड़ा-सा उद्यान बनवाया था, जिसमें राज-दरबार की सभी कीमती वस्तुएं थीं, हर प्रकार की सामग्री उपस्थित थी, लेकिन किसी भी वस्तु के सामने उसका मूल्य निश्चित नहीं किया गया था।

राजा ने प्रतियोगिता आरम्भ करने से पहले एक घोषणा की, जिसके अनुसार जो भी व्यक्ति इस उद्यान से सबसे कीमती वस्तु लेकर राजा के सामने उपस्थित होगा उसे ही राजपुरूष के लिए स्वीकार किया जाएगा। प्रतियोगिता आरम्भ हुई।

सभी उद्यान में सबसे अमूल्य वस्तु तलाशने में लग गए, कई हीरे-जवाहरात लाते, कई सोने-चांदी, कई लोग पुस्तकें, तो कोई भगवान की मूर्ति, और जो बहुत गरीब थे वे रोटी, क्योंकि उनके लिए वही सबसे अमूल्य वस्तु थी।

सब अपनी क्षमता के अनुसार मूल्य को सबसे ऊपर आंकते हुए राजा के सामने उसे प्रस्तुत करने में लगे हुए थे। तभी एक नौजवान राजा के सामने खाली हाथ उपस्थित हुआ।

राजा ने सबसे प्रश्न करने के उपरान्त उस नौजवान से प्रश्न किया- अरे! नौजवान, क्या तुम्हें उस उद्यान में कोई भी वस्तु अमूल्य नजर नहीं आई? तुम खाली हाथ कैसे आये हो?

“राजन! मैं खाली हाथ कहाँ आया हूँ, मैं तो सबसे अमूल्य धन उस उद्यान से लाया हूँ।” – ‘नौजवान बोला।

“तुम क्या लाये हो?”- राजा ने पूछा।

“मैं संतोष लेकर आया हूँ महाराज!”- नौजवान ने कहा।

क्या, “संतोष”, इनके द्वारा लाये गए इन अमूल्य वस्तुओं से भी मूलयवान है?- राजा ने पुनः प्रश्न किया।

जी हाँ राजन! इस उद्यान में अनेकों अमूल्य वस्तुएं हैं पर वे सभी मनुष्य को क्षण भर के लिए सुख की अनुभूति प्रदान कर सकती हैं। इन वस्तुओं को प्राप्त कर लेने के बाद मनुष्य कुछ और ज्यादा पाने की इच्छा मन में उत्पन्न कर लेता है अर्थात इन सबको प्राप्त करने के बाद इंसान को ख़ुशी तो होगी लेकिन वह क्षण भर के लिए ही होगी। लेकिन जिसके पास संतोष का धन है, संतोष के हीरे-जवाहरात हैं वही मनुष्य अपनी असल जिंदगी में सच्चे सुख की अनुभूति और अपने सभी भौतिक इच्छाओं पर नियंत्रण कर सकेगा।” – नौजवान ने शांत स्वर में उत्तर देते हुए कहा।

नौजवान को लाखों लोगों में चुना गया और उसे राजपुरूष के लिए सम्मानित किया गया।.

2 years, 6 months ago

?•┈✤आज का सुविचार✤┈•?

??????????

यह महत्पूर्ण नही कि आप सफल
है या नहीं

महत्पूर्ण तो यह है, कि आप उतने
सफल हुए या नहीं

जितनी आपके भीतर "क्षमता" थी

??????????

?‍♂ जय श्री कृष्णा ?‍♂
? सुप्रभातम् ?

We recommend to visit

® 𝐎𝐟𝐟𝐢𝐜𝐢𝐚𝐥 𝐂𝐡𝐚𝐧𝐧𝐞𝐥

ᴍᴀᴛʜs & ʀᴇᴀsᴏɴɪɴɢ

ssᴄ, ʀᴀɪʟᴡᴀʏ, ᴜᴘsᴄ, ʙᴀɴᴋɪɴɢ, ᴘᴀᴛᴡᴀʀ, ᴘᴏʟɪᴄᴇ, ᴛᴇᴛ & ᴀʟʟ ᴏᴛʜᴇʀ ᴇxᴀᴍs

✆ ᴄᴏɴᴛᴀᴄᴛ & ᴘʀᴏᴍᴏ. ➛

🙏 𝐏𝐥𝐞𝐚𝐬𝐞 𝐃𝐨𝐧'𝐭 𝐋𝐞𝐚𝐯𝐞

Last updated 1 month ago

NOTE : Last post in channel is advertisement. we are not responsible for any fraud through ads in our channel.

?Advertisement

♥️Hello Friends I Am Also Sell's Telegram Channel's

?DMCA takedown / Any Content removal:

Last updated 2 years, 4 months ago

यहां आपको SSC-CGL, CHSL, MTS तथा Railway Group D/ALP/RPF से संबंधित GK/GS का Study Materials मिलेगा।

Last updated 3 years, 6 months ago