Trād Digvijaya

Description
卐 शङ्करस्य शासनम् 卐

॥ परंपरावाद ● मनुवाद ● राजतन्त्र ● वर्णाश्रम ॥

नोट:- यहाँ हर प्रकार की बीमारी-मानसिक कोढ़/विक्षिप्तता/दिवालियेपन का उपचार किया जाता है।

शास्त्रसर्वोपरि!
Advertising
We recommend to visit

Welcome to @UtkarshClasses Telegram Channel.
✍️ Fastest growing Online Education App ?
?Explore Other Channels: ?
http://link.utkarsh.com/UtkarshClassesTelegram
? Download The App
http://bit.ly/UtkarshApp
? YouTube?
http://bit.ly/UtkarshClasses

Last updated 1 month, 2 weeks ago

https://telegram.me/SKResult
☝️
SK Result
इस लिंक से अपने दोस्तों को भी आप जोड़ सकते हो सभी के पास शेयर कर दो इस लिंक को ताकि उनको भी सही जानकारी मिल सके सही समय पर

Last updated 2 months, 1 week ago

प्यारे बच्चो, अब तैयारी करे सभी गवर्नमेंट Exams जैसे SSC CGL,CPO,CHSL,MTS,GD,Delhi पुलिस,यूपी पुलिस,RRB NTPC,Group-D,Teaching Exams- KVS,CTET,DSSSB & बैंकिंग Exams की Careerwill App के साथ बहुत ही कम फ़ीस और इंडिया के सबसे बेहतरीन टीचर्स की टीम के साथ |

Last updated 3 weeks, 4 days ago

1 month, 1 week ago
1 month, 1 week ago

पार्थिवसिद्धिविनायक पूजा-विधिः

1 month, 2 weeks ago

स्त्रीशूद्रेभ्यो मनुं दद्यात् स्वाहाप्रणववर्जितम्।
(नारदपाञ्चरात्र)
स्त्री और शूद्रों को स्वाहा तथा प्रणवरहित मन्त्र-दीक्षा देनी चाहिये।

स्त्रीशूद्राणामयं मन्त्रो नमोऽन्तश्च सुखावहः।
एतज्ज्ञात्वा महेशानि! चाण्डालानपि दीक्षयेत्॥

(कुलार्णव)
स्त्री और शूद्रों के लिये 'नमः' जिसके अन्त में हो ऐसा मन्त्र सुखदायक माना गया है। हे देवि! इन सभी बातों को जानकर चाण्डालों को भी दीक्षा देनी चाहिये।

श्रीविष्णुकोटिमन्त्रेषु कोटिमन्त्रे शिवस्य च।
शूद्राणामधिकारोऽस्ति स्वाहाप्रणववर्जिते॥

(मुण्डमालातन्त्र)
शिव और विष्णु जी के ऐसे मन्त्र जिसमें वैदिक-प्रणव(ॐ) तथा 'स्वाहा' न हों, वे शूद्रों के द्वारा ग्राह्य हैं।

चतुर्दशस्वरो देवि पुण्यसिद्धि प्रदायक:।
नादबिंदुसमोपेतो दीर्घप्रणव उच्यते॥
तंत्रोक्त: प्रणव: सोऽपि स्त्री शूद्राणां प्रशस्यते ।
तस्मात्स्त्रीणाञ्च शूद्राणां स एव परिकीर्तित:॥

(यामल तन्त्र)
ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य को वेदोक्त मूल प्रणव (ॐ), जिसमें साढ़े तीन मात्रा होती है उसका उच्चारण करना चाहिए; किन्तु स्त्री और शूद्रों को बिंदु एवं चौदहवें स्वर से युक्त दीर्घ प्रणव (औं) जिसमें ढाई मात्रा होती है, उसका उच्चारण करना चाहिए।

स्वाहाप्रणवसंयुक्तं शूद्रे मन्त्रं ददद् द्विज:।
शूद्रोनिरयगामी स्याद्ब्राह्मणो यात्यधोगतिम्॥

(देवीयामल तन्त्र)
प्रणवं वैदिक चैव शूद्रे नोपदिशेच्छिवे।
(परमानन्द तन्त्र, त्रयोदश उल्लास)
जो ब्राह्मण शूद्र को 'स्वाहा' एवं 'वैदिक-प्रणव' से युक्त मन्त्र देता है, वह मन्त्रग्राही शूद्र नरक जाता है और ब्राह्मण भी अधोगति को प्राप्त होता है।

तंत्रोक्तं प्रणवं देवि वह्निजायां च सुन्दरि।
प्रजपेत् सततं शूद्रो नात्र कार्या विचारणा॥

(भूतशुद्धितन्त्र)
वह्निजायास्थले मायां दत्वा शूद्रो जपेद्यदि।
(शाक्तानन्दतरंगिणी)

वेदोक्त वह्निजाया (स्वाहा) और वेदोक्त प्रणव (ॐ) के स्थान पर तंत्रोक्त वह्निजाया (ह्रीं) तथा तथा तंत्रोक्त प्रणव (औं) का प्रयोग करके शूद्रों को मंत्र देना चाहिए।
_______________________भगवान ने सभी के कल्याण का विधान किया है। भगवान पक्षपाती नहीं— समोऽहं सर्वभूतेषु न मे द्वेष्योऽस्ति न प्रियः।,, मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येऽपि स्युः पापयोनयः। स्त्रियो वैश्यास्तथा शूद्रास्तेऽपि यान्ति परां गतिम्॥
ʼʼसनातन धर्म में फलचौर्य नहीं हैʼʼ। विधियाँ भिन्न हो सकती हैं किंतु फल सभी के लिए समान है। परिवार में पोषण सभी के लिए है। जिसे जिस रूप में पोषण की आवश्यकता उसे उस पोषण उस ही रूप में प्राप्त होना चाहिए। शिशु के लिए माता के दुग्ध के रूप में, युवा के लिए कठोर चने आदि के रूप में, अतः जिसकी जैसी पचाने की क्षमता उसके लिए वैसा आहार, पर पोषण से वंचित कोई नहीं। धर्म की भी ऐसी ही व्यवस्था है।

यह सब भेद न जानते हुए जो ईश्वर को झूठा कहे, पक्षपाती कहे वह तो महामूर्ख ही है।
? नारायण ?

4 months ago
भगवती गङ्गा की स्तुति में श्लोक …

भगवती गङ्गा की स्तुति में श्लोक आते हैं—
भेदशून्याऽभेदकारीभेदकप्राणहारिणी।
अभेदबुद्धिरूपासि अभेदबुद्धिमत्प्रिये॥
सत्यप्रपञ्चरहिते अनिन्ह्यदोषवर्ज्जिते।
कमले विमले शुद्धे तत्त्वब्रहापरात्मिके॥

[बृहद्धर्म पुराण, पूर्वखण्ड, ५।३७-३८]

आप भेदरहिता, भेद करने वाली तथा भेदकगण के प्राणों का हरण करने वाली हैं। आप अभेदबुद्धिरूप लोगों को कृपा से देखने वाली, अभेदबुद्धि स्वरूपा हैं। हे सत्ये! हे संसारवजिते, अनिन्द्ये, निदेषि, कमले, विमले, शुद्धे आप परब्रह्मरूपा हैं॥

4 months ago
*****?*** MUST WATCH**

*? MUST WATCH
Plight of Hindus in Independent India | 1947-2024 |
?? https://youtu.be/x5a-X99KB00?si=9pINqgyD6lfB17Dx ??*

4 months ago
6 months ago
Trād Digvijaya
6 months ago
Trād Digvijaya
6 months ago

*? भगवन्नाम-सङ्कीर्तन, स्वामी श्रीअखण्डानन्दसरस्वतीजी महाराज *?**

6 months, 1 week ago
**रामः शस्त्रभृतामहम्।**

रामः शस्त्रभृतामहम्।
[श्रीमद्भगवद्गीता १०।३१]

मैं शस्त्रधारियों में राम हूँ!

We recommend to visit

Welcome to @UtkarshClasses Telegram Channel.
✍️ Fastest growing Online Education App ?
?Explore Other Channels: ?
http://link.utkarsh.com/UtkarshClassesTelegram
? Download The App
http://bit.ly/UtkarshApp
? YouTube?
http://bit.ly/UtkarshClasses

Last updated 1 month, 2 weeks ago

https://telegram.me/SKResult
☝️
SK Result
इस लिंक से अपने दोस्तों को भी आप जोड़ सकते हो सभी के पास शेयर कर दो इस लिंक को ताकि उनको भी सही जानकारी मिल सके सही समय पर

Last updated 2 months, 1 week ago

प्यारे बच्चो, अब तैयारी करे सभी गवर्नमेंट Exams जैसे SSC CGL,CPO,CHSL,MTS,GD,Delhi पुलिस,यूपी पुलिस,RRB NTPC,Group-D,Teaching Exams- KVS,CTET,DSSSB & बैंकिंग Exams की Careerwill App के साथ बहुत ही कम फ़ीस और इंडिया के सबसे बेहतरीन टीचर्स की टीम के साथ |

Last updated 3 weeks, 4 days ago