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असफलता को एक विकल्प मानना बंद कर दो
वही व्यक्ति दुनिया में सफल हुए हैं,
जिन्होंने यह समझ लिया कि
असफलताएं ही सफलता के शुरुआती कदम है।
गोवा के टॉप हॉटेल्स, देखें तस्वीरें
आज हम आपको गोवा के टॉप हॉटेल्स के बारे में बताएंगे, आप अपने गोवा टूर पैकेज में इन हॉटेल्स को आजमा है। गोवा के इन टॉप हॉटेल्स में सब सुविधा के साथ सुसज्ज है।
कासा डी गोवा
कासा डी गोवा, गोवा में प्रमुख समुद्र तट के पास है, आवास के विकल्प के लिए एक अच्छा मूल्य है। उत्तरी गोवा में कैलंगुट समुद्र तट के करीब स्थित, कासा डी गोवा गोवा की दुकानों, रेस्तरां और नाइट क्लबों के करीब है। रिज़ॉर्ट सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित कमरे प्रदान करता है, जिसमें एक पूल है। यहां की सुविधाओं में दो आउटडोर स्विमिंग पूल, सन लाउंजर, एक रेस्तरां, एक कॉफी शॉप और एक बार शामिल हैं।
सिडेड-डी-गोवा
उत्तरी गोवा में डोना पाउला के पास बीच पर स्थित है, समुद्र तट होटल के लिए एक अच्छा मूल्य है। सिडेड-डी-गोवा मिनी बार, सैटेलाइट टेलीविजन, टी कॉफी मेकर, हेयरड्रायर, 24 घंटे रूम सर्विस आदि के साथ अच्छी तरह से सुसज्जित, सुरुचिपूर्ण ढंग से सुसज्जित, वातानुकूलित कमरे उपलब्ध कराता है। बड़ी संख्या में कमरों में समुद्र के बाहर बैठने की बाल्कनियाँ हैं। आराम की सुविधाओं में एक स्विमिंग पूल, हेल्थ क्लब, आयुर्वेदिक स्पा और कई वाटरस्पोर्ट शामिल हैं
ताज हॉलिडे विलेज
लगभग 50 एकड़ के हरे-भरे भू-भाग वाले बगीचों में स्थित, अरब सागर का सामना कर रहा, ताज हॉलिडे विलेज, शायद उत्तर गोवा का सबसे अच्छा आवास विकल्प है। ताज हॉलिडे विलेज में आवास कॉटेज में हैं। ताज हॉलिडे विलेज, हाल ही में नवीनीकरण के बाद, अब सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। ताज हॉलीडे विलेज में अगले दरवाजे ताज फोर्ट अगुआडा के साथ सुविधाएं हैं, और दोनों के बीच, वे लगभग एक दर्जन बार और रेस्तरां प्रदान करते हैं यहाँ पर स्विमिंग पूल, स्पा, फिटनेस सेंटर, टेनिस कोर्ट, इनडोर बैडमिंटन आदि शामिल हैं।
लीला गोवा होटल
लीला गोवा, दक्षिण गोवा में मोबोर समुद्र तट पर स्थित एक डीलक्स बीच रिसॉर्ट है। 75 एकड़ के भू-भाग वाले उष्णकटिबंधीय बागानों के विशाल क्षेत्र में स्थित, 9 होल पार 3 गोल्फ कोर्स के साथ, लीला विशाल विला-शैली के कमरे और सुइट्स प्रदान करता है, लैगून के आसपास सेट है, और सभी सुविधाएं हैं जो एक डीलक्स समुद्र तट से उम्मीद करेंगे। सहारा। यहाँ आराम की सुविधाओं में एक बड़ा स्विमिंग पूल, पानी के खेल के साथ एक निजी समुद्र तट, एक आधुनिक अच्छी तरह से सुसज्जित जिम और स्पा आदि शामिल है।
कम बजट में लेना चाहते है विदेश घूमने का मजा,
कई लोग होते हैं जिन्हें घूमने ( Tourism ) का बहुत शौक होता हैं और वे हमेशा नई जगहों पर घूमने जाना पसंद करते हैं। खासतौर से लोग विदेश घूमने का शौक रखते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता हैं कि उनको घूमने की इच्छा होती हैं लेकिन बजट कम होने की वजह से वे नहीं जा पाते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए विदेशों की कुछ ऐसी जगह ( Foreign Tourist Places ) लेकर आए हैं, जहाँ आप कम बजट में भी बड़ी आसानी से सैर ( Holidays ) कर सकते है। तो आइये जानते हैं इन जगहों के बारे में जहाँ की ख़ूबसूरती आपको दीवाना बना देगी।
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता की खूबसूरत रंग-बिरंगी इमारतें आपको खुश कर देंगी।
आर्ट और कल्चर के बारे में जानने के शौकिन लोग कम बजट में भी इस प्राचीन जगहें की सैर कर सकते है।
जन्नत की तरह खूबसूरत इस आइलैंड पर सालों साल पर्यटको की भीड़ लगी रहती है। यहां पर खूबसूरत नजारों का मजा कम बजट में भी ले सकते है।
प्राकृतिक सुंदरता का मजा लेने के साथ-साथ आप इस जगहें पर कम बजट में खाने और ड्रिंक का मजा भी ले सकते है।
एक सर्वे के मुताबिक दुनिया के इस सबसे सस्ते देश में आप कम बजट पर भी खूब एन्जॉय कर सकते है।
यहां पर फेमस म्यूजियम और कैफे के साथ आप इस जगहें पर प्राकृतिक सुंदरता, झीलें और जंगलों में घूमने का भी मजा ले सकते है।
जानिए गोवा के समुद्र तट और कैसिनो के बारे में
गोवा में 25 से अधिक अद्भुत समुद्र तट हैं, उत्तरी गोवा में बागा, कैलांग, अंजुना और अरामबोल जैसे समुद्र तट हैं।
Third party image reference
दक्षिण गोवा में कोलवा, पालोलेम और गलगिबाग जैसे शांत समुद्र तट हैं। लेकिन अगर आप कुछ शांति चाहते हैं, तो आप यहाँ यात्रा कर कर सकते हैं।
चपोरा किल्ला
चपोरा किल्ला पहली बार फिल्म दिल चाहता है में देखा गया था। उत्तरी गोवा समुद्र तट के वैगेटर शानदार दृश्यों के साथ प्राचीन किल्ला है और आप सभी कोणों से अरब सागर को देख सकते हैं। यह किल्ला चारों तरफ से ढलान वाली एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।
गोवा में बेसिलिका डे बोम जीसस
यह यूनेस्को विश्व विरासत स्थल गोवा में सबसे पुराना चर्च है, जो रोमन कैथोलिक विश्व में बेहद लोकप्रिय है। यहां के सबसे महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक मिशनरी सेंट फ्रांसिस जेवियर का नश्वर अवशेष है।
पानी के खेल
गोताखोरी, कटमरैन नौकायन, जेट स्कीइंग, पैरासेलिंग और विंडसर्फिंग जैसे पानी के रोमांचक खेल का आनंद ले सकते है। गोवा में, विशेष रूप से उत्तरी गोवा में बहुत सारे वाटर स्पोर्ट्स ऑपरेटर हैं।
डॉल्फिन स्पॉटिंग क्रूज पर जाएं
मंडोवी नदी के विभिन्न हिस्सों में डॉल्फ़िन का दौरा करना एक लोकप्रिय गतिविधि है और विशेष रूप से फोर्ट अगुआड़ा के साथ सिंकरीम समुद्र तट के साथ लोकप्रिय है। ऑपरेटर 4 या 6 के समूहों में पर्यटकों को इकट्ठा करते हैं, जो नाव पर जाते हैं और डॉल्फ़िन को देखने के लिए समुद्र में लगभग दो किलोमीटर की दूरी तय करते हैं।
कैसीनो
कैसीनो में स्लॉट, रूलेट, पोकर, फ्लश बकरियां और बहुत से खेल शामिल हैं, साथ ही साथ लाइव मनोरंजन और कभी-कभी असीमित भोजन और पेय भी शामिल हैं। भले ही आप बड़े जुआरी न हों, लेकिन ऊंचे समुद्रों पर घूमने के दौरान आराम करने का एक शानदार तरीका है। कुछ कैसिनो आपको कारवेला (एक प्रकार का फ्लोटिंग कैसिनो, पंजिम में मांडोवी नदी पर लंगर डालने), कैसिनो कार्निवल (गोवा मैरियट, मिरामार) और कैसिनो रोयाले (पंडिम तैरता कैसिनो जो मंडी नदी पर तैरता है) प्रदान करते हैं।
गर्मियों की छुट्टियों में जरुर जाएं दिल्ली की इन खूबसूरत जगहों में घूमने
हर कोई सुंदर डेस्टिनेशन में घूमने का प्लान बनाता है। रोजमर्रा के जीवन में एक ही काम करके सभी थक जाते हैं जिस कारण आप किसी खूबसूरत जगह पर जाने का सोचते हैं। आज हम आपको दिल्ली के कुछ बेस्ट जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो वैकेशन पर घूमने के लिए अच्छा माना जाता है।
नूंह : नूंह दिल्ली के काफी पास स्थित है। यह जगहं दिल्ली अलवर राजमार्ग पर स्थित है और यहाँ पर आपको 14वीं शताब्दी की संरचनाएं और और इमारते देखने को मिलेंगी। यहाँ पर पुरानी मस्जिद और बहादुर खान नाहर की कब्र स्थित है।
कुचेसर: यह जगह दिल्ली से करीब 83 किलोमीटर दूर पर बुलंदशहर के एक छोटे गाँव में स्थित है। यहां पर आपको प्राकृतिक सुकून का एहसास मिल सकता है क्यूंकि यहाँ चारों ओर हरियाली ही हरियाली है जहाँ जाकर आप अपने परिवार वालों और दोस्तों के साथ कुछ सुकून का समय गुज़ार सकते हैं।
पटौदी पैलेस: यहाँ स्थान दिल्ली से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पवार स्थित है जहाँ आपके रुकने और खाने पीने की सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यह एक बहुत ही सुन्दर इमारत के रूप में बना हुआ है जहाँ आकर आप एक शान्त वातावरण में खुद को तनाव से मुक्त कर सकते हैं।
सोहना: सोहना दिल्ली से 64 किलोमीटर दूर हरियाणा में स्थित है। यह स्थान आरावली पर्वत की तलहटी पर स्थित है जहाँ आकर आप हरियाली के नज़ारे ले सकते हैं और कुछ समय अकेले बिताने के लिए यह काफी अच्छी जगह है।
यूनेस्को ने आगरा किले की खूबसूरती को देखते हुए इसे इस लिस्ट में किया शामिल….
आगरा किले की खूबसूरती को देखते हुए यूनेस्को ने इसे वर्ल्ड हेरिटेज की लिस्ट में शामिल किया है। यह किला ताजमहल से महज 2.5 किमी की दूरी पर स्थित है इसलिए यहां आने वाले पर्यटक ताजमहल के साथ इसका दीदार करने भी जरूर करने आते हैं। मुगल बादशाह अकबर द्वारा बनवाए गए इस किले में क्या है खास जानेंगे इसके बारे में।
आगरा किले का इतिहास
आगरा का किला इसलिए भी खास है क्योंकि यहां बाबर, हुमांयु, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब जैसे मुगलों ने शासन किया है। राज्य का खज़ाना भी यहीं रखा जाता था। सिकंदर लोदी दिल्ली का पहला सुल्तान था जिसने अपनी आगरा यात्रा के दौरान इसकी मरम्मत कराई और 1506 ईस्वी तक इसे अपनी राजधानी बनाया। 1517 में उसकी मृत्यु के बाद उसके पुत्र इब्राहिम लोदी ने 9 सालों तक शासन किया। जिस दौरान उसने कई जगहें, मस्जिदें और कुएं बनवाएं।
पानीपत के बाद यहां मुगलों ने शासन किया। उनके खजाने में कोहिनूर हीरा भी शामिल था। 1530 में इस किले में हुमायुं का राजतिलक हुआ। जहां एक युद्ध में वो शेहशाह सूरी से हार गया जिसके बाद किले पर उसका कब्जा हो गया।
अकबर ने 1558 में इसे अपनी राजधानी बनाया और पूरे 8 साल तकरीबन 4000 कारीगरों ने मिलकर इस किले को तैयार किया। 1573 में ये पूरा बनकर तैयार हुआ। यहां जोधाबाई महल भी है।
आगरा फोर्ट की बनावट
आगरा किले को लाल किला भी कहा जाता है क्योंकि इसकी बनावट काफी हद तक दिल्ली के लाल किले में मिलती-जुलती है। इसे बनाने में भी लाल रंग के बलुआ पत्थरों और सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। किले का आकार अर्ध चंद्राकार है। किले के तीनों तरफ सड़क बनी हुई है। यमुना ते तरफ वाले सड़क मार्ग को यमुना किनारा मार्ग कहते हैं जो ताजमहल के पश्चिमी दरवाजे तक पहुंचाता है।
किले के चारों कोने पर चार द्वार हैं। जिनमें से मुख्य द्वार दिल्ली द्वार है जो बहुत ही भव्य तरीके से बनाया गया है। जिसके अंदर भी एक द्वारा है जो हाथी पोल कहा जाता है। दूसरा अकबर दरवाजा है जो किले की खाई के पार बना हुआ है।
आगरा फोर्ट में हिंदू व इस्लामी कला का नायाब नमूना देखने को मिलता है। ज्यामितीय आलेखों, आयतों के अलावा इनमें पशु-पक्षियों की आकृतियां भी देखी जा सकती हैं।
किले के अंदर की खूबसूरत जगहें
शीश महल
शीश महल यानि शीशों से सजा हुआ महल। दीवारों पर छोटे-छोटे शीशे लगे हुए हैं जो मुगलों के समय में वस्त्र बदलने का कमरा हुआ करता था।
अकबर महल
अकबर का मशहूर महल आज भी इसमें है। जहां अकबर में अपनी अंतिम सांसें ली थी। पूरा महल लाल रंग के पत्थरों से बना हुआ है।
दीवान-ए-आम
ये शाहजहां द्वारा बनाया गया हॉल है। पहले इसे लाल रंग के पत्थर से बनाया गया था लेकिन बाद में यूनिक लुक देने के लिए सफेद संगमरमर से बनाया गया।
दीवान-ए-खास
यहां जनता दरबार लगता था। जहांगीर का सिंहासन इस जगह को बनाता था खास।
खास महल
सफेद संगमरमर से बना हुआ यह महल रंगसाजी की बेमिसाल निशानी है।
नगीना मस्ज़िद
खासतौर से महिलाओं के लिए बनाया गया मस्ज़िद है जिसके अंदर महिला मीना बाजार था जिसमें केवल महिलाएं ही सामान बेचती थी।
मुसम्मान बुर्ज
एक ऐसा टॉवर है जो अष्टकोणीय है और यहां से ताजमहल बहुत ही खूबसूरत और साफ दिखाई देता है।
राजस्थान की शान है ये महल, ये नहीं देखा तो कुछ भी नहीं देखा!
भारत में बहुत सारे किले और महल है, जिनका अपना अलग- अलग इतिहास और महत्व रहा है। राजस्थान के किलों को भारत की शान माना जाता हैं। इसमें उदयपुर शहर राजस्थान के सबसे बहुत खूबसूरत शहरों में आता है।
उदयपुर।
भारत में बहुत सारे किले और महल है, जिनका अपना अलग- अलग इतिहास और महत्व रहा है। राजस्थान के किलों को भारत की शान माना जाता हैं। इसमें उदयपुर शहर राजस्थान के सबसे बहुत खूबसूरत शहरों में आता है। दुनिया भर से लोग यहां घूमने आते है। उदयपुर की खास महलों में से घूमने के लिए जो सबसे ज्यादा मशहूर है, वो सिटी पैलेस है।
यह पैलेस राजस्थान के बड़े शाही महलों में से एक है। तकरीबन 400 साल पहले इस पैलेस का निर्माण शुरू किया गया था। सिटी पैलेस को महाराणा उदय सिंह ने 1569 में बनवाना शुरू किया था। इस के बाद जो भी इस पैलेस के राजा बने, उन्होंने इसे अपने-अपने शासन काल में पूरा करवाया। इस पैलेस का निर्माण 11 पड़ांव में पूरा किया गया था। यह पैलेस एक पहाड़ी की चोटी पर बनाया गया है। हैरानी की बात तो यह है इतने पड़ांवों के पूरा होने के बाद भी इसके दिखने में कोई अंतर नहीं है।
इस पैलेस के परिसर में 11 महल अब भी मौजूद हैं। जिनमें 22 अलग- अलग राजाओं ने राज किया है। वैसे तो यह सभी महल देखने में सुंदर है, लेकिन इनमें शीश महल, मोर चौंक, मोती महल और कृष्णा विलास सबसे ज्यादा अपनी और आकृषित करते है। पैलेस के अंदर कई गुंबद, आंगन, गलियारे, कमरे, मंडप, टावर, और हैंगिंग गार्डन हैं, जो कि पैलेस की सुंदरता को और भी बढ़ाते हैं।
यह पैलेस पिछोला झील के किनारे एक पहाड़ी की चोटी पर बना हुआ है। जहां से पूरे शहर को देखा जा सकता है। और महलों की तरह इस महल में भी बहुत दरवाजे है। ग्रेट गेट महल का मुख्य दरवाजा है। एक द्वार जिसके करीब एक क्षेत्र है जहां हाथियों की लड़ाई हुआ करती थी, उसको त्रिधनुषाकार द्वार या फिर त्रिपोलिया द्वार भी कहते है। इस पैलेस में राजाओं को चांदी और सोने से तौला जाता था, तौलने के बाद जितना भी सोना और चांदी होता था, उसे गरीबों में बांट दिया जाता था।
पैलेस की सबसे खास बात यह है कि यहां एक कमरे में पंखा रखा हुआ है। जिसे चलाने के लिए 220 वोल्ट के करेंट की जरूरत नहीं होती, बल्कि यह पंखा मिट्टी के तेल से आज भी चलता है। पहले तेल जलता है, तो उसकी गर्मी से हवा का दबाव बनता है। हवा के इस दबाव से पंखे का अंदरूनी हिस्सा घूमता है और पंखा चलने लगता है।
भीम विलास नाम के महल को हिंदू देवी-देवता, राधा और कृष्ण के चित्रों के साथ सजाया गया है। इस पैलेस के अंदर एक जगदीश मंदिर भी है, जिसे उदयपुर के सबसे बड़े मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस पैलेस में घूमने का समय सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक है। लेकिन इंडियन फेस्टिवल वाले दिनों में ये बंद होता है।
देश की धरोहर है ये प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल, जानें इनकी विशेषताओं के बारे में
पर्यटन के लिहाज से भारत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं। भारत एक ऐसी जगह हैं जो अपने पर्यटन स्थलों के लिए जानी जाती हैं और यहाँ देश -विदेश से सैलानी सैर करने के लिए आते हैं। सैलानियों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है देश की एतिहासिक इमारतें जो अपनी विशेषता के चलते पूरी दुनिया में प्रसिद्द हैं। आज हम आपको देश की कुछ ऐसी ही एतिहासिक इमारतों की विशेषताओं के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते है इसके बारे में।
* सांची स्तूप
शांति के दूत रहे मौर्य काल के सम्राट अशोक ने सांची के स्तूप का निर्माण कराया था। यह स्तूप भगवान बुद्ध को समर्पित किया गया था। बौद्ध धर्म के प्रतीक भारत में सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में शुमार सांची का स्तूप एक छोटे से गांव में है जो भोपाल, मध्य प्रदेश से 52 किलोमीटर दूर। अपने अद्भुत आर्कीटेक्चर के कारण सांची स्तूप यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों के अंतर्गत आने वाले स्थलों में शुमार है। यह स्तूप बौध धर्म की शांति की भावना के प्रसार हेतु बनवाया गया था। गौरतलब है कि अपने समय के सबसे प्रभावशाली राजा रहे सम्राट अशोक का कलिंग विजय के दौरान हुई हिंसा से हृदय परिवर्तन हो गया था और इसके बाद उन्होंने हिंसा का मार्ग पूरी तरह से त्याग कर बौद्ध धर्म के प्रचार-प्रसार को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया था।
चार मीनार
भारत के तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर में स्थित है यह ऐतिहासिक स्थल। चारमीनार का निर्माण 1591 ईस्वी में हुआ था। यह इमारत दरअसल एक स्मारक और मस्जिद है। विश्व धरोहर कहे जाने वाले चार मीनार का निर्माण मुसी नदी के पूर्वी तट पर किया गया है। चार मीनार के बाईं तरफ लाड बाज़ार और दक्षिण की तरफ मक्का मस्जिद स्थित है।
लाल किला
लाल किला देश की उन सुप्रसिद्ध इमारतों में से एक है, जिसे देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर से देखने के लिए लोग आते हैं। लाल किले का निर्माण 1648 में मुगलों की पांचवी पीढ़ी के शासक शाहजहां ने अपने महल के तौर पर करवाया था। उस समय भारत इतना समृद्ध था कि इसे 'सोने की चिड़िया' कहा जाता था। तत्कालीन समय के ऐश्वर्य और स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है लाल किला। चूंकि यह भवन लाल रंग का था, इसीलिए इसका नाम लाल किला पड़ गया। गौरतलब है कि मुगलों ने यहां 200 साल तक निवास किया था।
आगरा फोर्ट
आगरा का किला भी दिल्ली के लाल किले के जैसा ही नजर आता है। इस किले में घूमते हुए आपको मुगलकालीन शानोशौकत नजर आएगी। किले में लगने वाला दरबार यानी दीवान-ए-आम, मुगलकाल के अफसरों के लिए योजनाएं बनाने का स्थल दीवान-ए-खास, बंगाली झोपड़ी के आकार की छतों वाला स्वर्ण मंडप जैसे स्थल आपका मन मोह लेंगे। यहां की मोती मस्जिद को देखना भी आपके लिए एक अनूठा अनुभव होगा। दरअसल यहां हरम में रहने वाली महिलाएं नमाज अदा किया करती थीं। व्हाइट मार्बल की बनी इस छोटी सी मस्जिद के अहाते में बैठकर आप गुजरे जमाने के सुनहरे अतीत की कल्पना कर सकती हैं। साथ ही यहां नगीना मस्जिद, रंग महल, शीशमहल, मछली महल की सुंदरता भी देखने लायक है। कुल मिलाकर आगरा का किला देखना आपके लिए पूरी तरह से पैसा वसूल है।
खजुराहो मंदिर
यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स में शुमार खजुराहो के मंदिर मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में सबसे अनूठे ऐतिहासिक स्थल है। दरअसल ये हिन्दू और जैन मंदिरों का समूह है, जो झाँसी से 175 किलोमीटर दूर दक्षिण में स्थित है। खजुराहो अपनी नागरा आकृति और कामोत्तेजक मूर्तियों के लिए विश्वविख्यात है। खजुराहो के मंदिरो का निर्माण 950 और 1050 ईस्वी में चंदेला राजाओं के समय में हुआ था। इतिहासिक के एक्सपर्ट्स के अनुसार 12वीं सदी से खजुराहो मंदिरो के समूह में कुल 85 मंदिर हैं, जो 20 किलोमीटर वर्ग के दायरे में स्थित हैं। इनमें से अब केवल 20 मंदिर ही बचे हुए है जो 6 किलोमीटर के दायरे में रह गए हैं।
गोवा जा रहें हैं मस्ती के लिए लेकिन इन भूतों से सावधान
गोवा का नाम सुनते ही आपके मन में सिर्फ मस्ती, बीच, पब, शराब और वहां की हसीं वादियों की तस्वीरें सामने आ जाती हैं। लेकिन इस गोवा में खूबसूरत नजारों के बीच गोवा में कुछ ऐसी भी जगहें हैं, जहां कोई चाह कर तो बिलकुल भी नहीं जाना चाहेगा। क्योंकि इन हसीं नजारों के पीछे छिपे हैं कुछ भूतिया राज और डरावने किस्से।
आज हम आपको गोवा की कुछ ऐसी जगहों से रू-ब-रू करा रहे हैं, जिनके बारे में ये कहा जाता है कि इन जगहों पर भूत-प्रेतों का साया है।
थ्री किंग चर्च : चर्च का नाम सुनते ही एक ऐसे स्थान का ख्याल आता हैं, जहां ईश्वर का वास होता है और इंसान अपनी सलामती के लिए प्रार्थना करता है। लेकिन गोवा का यह चर्च इस मामले में थोड़ा अलग है। लोगों का कहना है कि यहां उन्होंने किसी अदृश्य शक्ति को महसूस किया है। ऐसा लगता है किसी ने उन्हें छुआ हो पर ये अदृश्य शक्ति कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती है। ऐसा माना जाता है कि ये उन तीन पुर्तगाली राजाओं की आत्मा है, जो अकेले शासन करना चाहते थे और लालच में आ कर एक-दूसरे को मार बैठे।
बैठकहाल : अकसर कहा जाता है कि रात के समय शैतानी ताकतें अपने सबाब पर होती हैं लेकिन धावली और बोरी का Baytakhol रोड एक ऐसी जगह है, जहां शैतानी रूहों का कहर दिन के उजाले में भी बदस्तूर जारी रहता है। इस रास्ते से गुजरे कुछ लोगों का कहना है कि उन्होंने दोपहर के समय भी यहां कुछ डरावनी घटनाओं को महसूस किया है, जैसे एक औरत का सफेद साड़ी में गाड़ी के सामने आ जाना और डरावनी सी हंसी के साथ एक ओर भाग जाना।
इसके अलावा एक अन्य लड़की की कहानी भी लोगों को यहां आने से रोकती है, जिसकी रोने की आवाज सुन कर ड्राइवर गाड़ी से अपना नियंत्रण खो बैठता है।
एनएच -17 : मुंबई-गोवा से गुजरने वाले लोगों का कहना है कि इस रोड से गुजरते समय कभी अपने साथ मांस नहीं ले कर जाए। एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि एक बार वो NH-17 से अपनी बीवी के साथ ड्राइव करता हुआ जा रहा था। उनके साथ खाने-पीने के सामान के अलावा कुछ नॉनवेज फूड भी था।
अचानक उनकी कार की लाइट ऑन-ऑफ होने लगी और गाड़ी से उसका नियंत्रण खोने लगा। जैसे ही कार रुकी वो उसे देखने के लिए कार से नीचे उतर आये। इतने में ही कहीं से काला धुंआ आ कर कार में भर गया और गाड़ी के दरवाजे बंद हो गए।
कार में एक उथल-पुथल सी मच गई, जब उसकी वाइफ कार देखने गई तो सारा खाना खत्म हो चुका था और सामान इधर-उधर बिखरा हुआ था। पर सबसे डरावनी बात यह थी कि उसकी पत्नी के गले पर नाखूनों के तेज निशान थे, जिनमें से खून बाहर आ रहा था।
डी’मेलोस हाउस : जमीन-जायदाद को ले कर भाइयों में लड़ाई होना तो बहुत आम है। पर कई बार ये लड़ाई एक हिंसक रूप ले लेती है। इसी लड़ाई का गवाह रही है Santemol का D’Mello’s House। कहानियों के अनुसार जायदाद के लिए व्यक्ति ने अपने ही भाई का खून कर दिया था। पर उसके भाई की आत्मा इस घर को छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं थी और इसी घर में रुक गई।
हिंदुस्तान की जन्नत को देखना चाहते है तो एस जगह जाना न भूले
देश में बहुत सी ऐसी अजीब जगहें जिनके बारे में हम नही जानते। ऐसी ही एक जगह के बारे में हम बताने जा रहे हैं। जानते हैं अहमदाबाद के प्रकाश झा से। जिन्होंने अपने कहानी सुनाई जब वह इंदौर आये। इन्होंने देश की ऐसी जगहें भी देखी हैं जहां या तो सेना जा सकती या परिंदे।
प्रकाश झा बताते हैं कि “बी.टेक और एमबीए के बाद मैंने अपना स्टार्टअप शुरू किया। वेन्यूकार्ट डॉटकॉम। जैसे फूड के लिए आप ज़ोमैटो देखते हैं वैसे ही वेन्यू के लिए मेरी वेबासइट है। हालांकि इससे पहले मैं 7-8 कॅरियर बदल चुका था। मैं स्टार्टअप छोड़कर भी निकल पड़ा ट्रेवल पर कि मैं खोजूं खुद को। मैंने पाया कि ट्रेवल ही मुझे कम्प्लीट करता है। मैं 29 राज्य घूम चुका हूं। ऐसी जगहें भी देखी हैं जहां कोई नहीं जाता लेकिन हैं वे जगहें बेहद खूबसूरत।”
उन्होंने बताया कि नागालैंड में वो ऐसी जगह भी गए जहा कोन्याक ट्राइब आज भी रहती है। जिन्हें वो हेड हंटर कहते हैं। जिसका मतलब है कि अगर उन्हें आपकी कोई भी हरकत गलत लगती है तो वो आपका सर काट कर आँगन में लटका दिए जाते हैं। उनका मानना है जितने घर में जबड़े उतनी ही ताकत।
आगे बताते हैं कि पाक ऑक्यूपाइड कश्मीर में कारगिलजिले में द्रास क्षेत्र में बहती है शिंगू नदी जो की कश्मीर से ही निकलती है। यह कारगिल से 7 किलोमीटर दूर खरूल में सुरु नदी में मिलती है और पाकिस्तान चली जाती है। यहां सिर्फ सैनिक ही जा सकते हैं।
उमगोट नदी- मेघालय में यही नदी है जो कि दावकि शहर में बहती है। यहाँ भारत की क्लेअनसेट नदी है। इसका पानी इतना साफ़ है की पानी पर चलती नाव शीशे पर नज़र आती है और धुप यहाँ पड़े तो परछाई भी साफ़ नज़र आती है।
माधुरी लेक- यहाँ पहले पाईन ट्री लगे हयडे थे। लेकिन बाद में आये एक भूकंप से यहाँ के पहाड़ धंस गए जिससे सब जगह पानी भर गया। फिल्म कोयला की शूटिंग के लोगो ने प्रभावित होकर इस नदी का नाम माधुरी लेक रख दिया ।
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