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SK Result
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मगर सब के सब सैनिक बनने को तैयार थे।
इसलिए उसने इस देश पर राज किया। देश के कई हिस्सों को हमेशा के लिए अलग करने की नीव रख दिया।
हिन्दुस्तान के हर गॉव, हर कस्बे से, केवल एक सैनिक हिन्दुस्तान की रक्षा के लिए खडा हो जाता तो अंक्रान्ताओ की हिम्मत न होती हिन्दुस्तान के ऊपर आंख उठाकर देखने की...
हमने जमीन ही नहीं सभ्यता भी गवॉई।
किसी प्रदेश से सभ्यता का खत्म हो जाना क्या होता है।
इसका सबसे अच्छा उदाहरण कश्मीर है जहां के हिंदू राजा हरिसिंह के होते हुए भी कश्मीर हिंदुस्तान के लिए आजतक सिरदर्द है। क्योंकि वे प्रदेश में सनातन सभ्यता को नही बचा सके थे।
वही हैदराबाद मुस्लिम निजाम के हाथ मे होने के बावजूद आज वह भारत का अटूट हिस्सा है सिर्फ इसलिए कि वहां सनातन सभ्यता को खत्म नही कर सके थे।
सेक्यूलरो का तकिया कल गंगा यमुनी तहजीब की बात मात्र छलावा है।
आखिर मुस्लिमो के नाम अरबी, पैगम्बर अरबी, गृन्थ अरबी, महिलाओं का पहनावा अरबी। भोजन, रहन सहन, सभ्यता सब अरबी है।
इन अरबियो का न तो गगां से न वास्ता है न यमुना से वास्ता है।
यदि सही में मुस्लिमों का गंगा-जमुना संस्कृति से वास्ता होता तो यह गंगा यमुनी संस्कृति मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में भी दिखाई देती।
पाकिस्तान बांग्लादेश कश्मीर मे भी दिखाई देती।
मगर वहॉ कही नही दिखता।
देखा जाय तो यह गगां यमुनी संस्कृति अल्पसंख्यक होने की मजबूरी मे किया जाने वाला अल तकिया( छल) ही है।
हम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की खुशियां मनाते हैं हम कोई अफ्रीकी कबीले समुदाय से नही है..
जो पहली बार स्वतंत्रता देखी हो.. या गणतत्र देखा है..
बच्चों को यह बताने की बजाय कि हम स्वतंत्र कैसे हुए यह बताना अच्छा रहेगा कि हम गुलाम कैसे हो गए
ताकि भविष्य की चुनौतियों सामना करने वाली एक पीढ़ी हम तैयार कर सके
हमारे पुरखो ने 15 - 20000 साल पहले हमने उपनिषद लिख डाली 5000 साल पहले गीता लिखी गई।
अध्यात्म की यह सर्वोच्च ग्रंथ है तात्कालिक समय मे लिखी गयी
जब शेष दुनिया खाने पहनने का सलीका भी सीख नही पायी थी।
जरूरत है इस दिन बच्चों को यह सिखाने की कि किन वजहों से हमारी यह हालात हुई थी।
जरुरत है यह सिखाये जाने की कि भारत आज भविष्य की किन चुनौतियों का सामना कर रहा है।
यह सभ्यता का संघर्ष क्या है?
सभ्यता का संघर्ष मोहम्मद बिन कासिम के बाद से आज तक जारी है अलग-अलग रूपों जारी है।
कभी हमलावर अक्रान्ता के रूप में। कभी आतंकवाद के रूप में।
कभी जिहाद के रूप में।
तो लोकतत्रं में यहॉ सेकुलरिज्म के नाम पर अल्पसंख्यक बाद के रूप में।
मगर इस लड़ाई के प्रारूप को समझे बिना लड़ाई में जीत हरगिज संभव नहीं है।
लडाई किससे मुसलमान से नही इस्लाम से है।
अरबी सभ्यता से है।
मुसलमान तो एक समाज है, हिन्दू समाज की ही तरह से है।
देश के लिए इस्लाम एक रोग है
रोग फैलने पर अंग काटने की नौबत आती है।
इस्लाम के फैलने पर देश टूटने की नौबत आती है
इस लडाई मे हिन्दू सिक्ख बौद्ध जैन सहित इसाई और मुस्लिम समुदाय से भी मदद लेनी होगी।
रोगी को साथ लिए बिना रोग का इलाज सम्भव नही है।
चाहे वह इसके लिए रोगी राजी हो चाहे ना हो
हमे तो रोगी से नही रोग से परहेज करना चाहिए।
जैसे टीबी के मरीज से नही टीबी के संक्रमण की रोकथाम करनी चाहिए।
मुस्लिम की नही, इस्लामी संक्रमण की रोकथाम करनी होगी।
योगी जी का नया नामकरण इस्लामी संक्रमण से मुक्ति का ही मार्ग है।
जबकि सेक्यूलर दलो का मार्ग स्पष्ट रूप से अरबी सभ्यता के प्रसार का मार्ग है।
और अरबी सभ्यता के प्रसार के मार्ग पर ही देश के बटवारे की नीव है।
इसलिए सनद रहे यह लड़ाई योगी या मोदी के अकेले की नहीं है।
लडाई मोदी बनाम राहुल भी नही है।
यह लड़ाई अरबी सभ्यता बनाम सनातन सभ्यता के बीच की है
राजा जयचंद ने पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गौरी की लड़ाई को व्यक्तिगत लड़ाई समझने की गलती की थी..
यदि यही गलती हमने फिर दोबारा की , तब इतिहास हमें माफ नहीं करेगा..
कम से कम योगी जी को लड़ाई का प्रारूप पता है।
उन्हें राम मंदिर का महत्व और हिंदूस्तानी नामकरण का महत्व भी पता है।
उन्हे देश के अस्तित्व के लिए सनातन परंपरा और विरासत का महत्व पता है
सेक्यूलरो ने नीद की एसी घुट्टी पिलाई है कि।
नीद मे कहते हो। बात कुछ ऐसी है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी।
नीद से उठकर देखो।
दूर दूर तक बस्ती दिखती नही हमारी
800 साल की नीद बहुत होती है।
अब भी न जागे तो कल कहोगे।
अब तो कोई हस्ती बचती नही हमारी।
??जय जय श्री राम ??
_सात जन्मों के रिश्ते की वैज्ञानिक परिभाषा_
_प्राचीन भारतीय तर्कसंगत परंपरा_
_पीढ़ी-गुणसूत्र-और रक्त संबंध_
1)पति पत्नी--- पहली पीढ़ी
2) बच्चे (सगे भाई-बहन) --- दूसरी पीढ़ी --50%-50% गुणसूत्र माता-पिता से विरासत में मिलते हैं। 50% गुणसूत्र साझा होते हैं।
3) तीसरी पीढ़ी --- पोते-पोती--- पहली पीढ़ी दादा-दादी के गुणसूत्रों का 25% साझा करती है।
4) चौथी पीढ़ी ---
पहली पीढ़ी के साथ 12.5% गुणसूत्र साझा करती है।
5) पांचवीं पीढ़ी ---
पहली पीढ़ी के साथ 6.25% गुणसूत्र साझा करती है।
6) छठी पीढ़ी ---
पहली पीढ़ी के साथ 3.12% गुणसूत्र साझा करती है।
7) सातवीं पीढ़ी -
पहली पीढ़ी के साथ 1.56% गुणसूत्र साझा करती है।
8) आठवीं पीढ़ी ---
पहली पीढ़ी के गुणसूत्रों का <1% साझा करती है।
इसलिए जोड़े से लेकर सातवीं पीढ़ी तक के मूल पुरुष के रिश्ते को भाई- बंधु मानते हैं।
रिश्ते नातों में सातवीं पीढ़ी तक विवाह वर्जित माना जाता है, यदि ऐसा विवाह हो तो जन्म से ही गुणसूत्रीय रोग (Thalacemia, sickling and hemophilia etc ) होने की संभावना रहती है।
आठवीं पीढ़ी से भाईबंधु नहीं मानी जाती।
इसलिए पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का माना जाता है। यह रिश्ता सात जन्मों तक चलता है।
तीन पीढ़ियों को सपिंड माना जाता है। तीन से सात पीढ़ियाँ खुद को भाईबंधु मानती हैं।और ..... सात पीढ़ियों के बाद रिश्ता ख़त्म हो जाता है, लेकिन गोत्र वही रहता है!!!
गर्व करिये कि हम हिंदू हैं, हमारे पूर्वज महान थे!
#सनातन_धर्म_महान
#सनातन_धर्म_ही_सर्वश्रेष्ठ_है
#हिंदू ??
*?बांग्लादेश में नई सरकार बनते ही जितने भी मुसलमान दुकानदार हैं उन सबको सख्त चेतावनी दी जा रही है कि आपकी दुकान में अगर इंडिया का कोई भी समान है या तो उसको नष्ट कर दो या दुकान में कहीं भी दिखाई नहीं देना चाहिए यह है एक मुस्लिम देश जो हिंदुओं से इतना नफरत करता है और भारत में उनसे भी ज्यादा मुसलमान बसे हुए हैं।*
.बरेली मनोना धाम के बारे मे जानना चाहता हूँ, कोई बरेली उत्तर प्रदेश से हो तो बताओ जी
?
बहुत से लोग सोचते हैं कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री भगवा पोशाक पहनते हैं
इसलिए एक "सन्यासी" हैं,
लेकिन उनके बारे में जो तथ्य सामने आए हैं वो ये हैं -अवश्य पढ़ें
● अजय मोहन बिष्ट (ओरिजिनल नाम)
सन्यास के बाद
योगी आदित्यनाथ
आयु-50 वर्ष
जन्म स्थान- पंचूर गाँव,गढ़वाल, उत्तराखंड
● एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय से, उत्तर प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक अंक (100%)
● योगी जी गणित के छात्र हैं, जिन्होंने बीएससी गणित स्वर्ण पदक के साथ उत्तीर्ण किया है।।
● भारतीय सेना की सबसे पुरानी गोरखा रेजीमेंट के आध्यात्मिक गुरु हैं।
● नेपाल में, योगी समर्थक का विशाल समूह है जो योगी को गुरु के रूप में पूजते हैं।
● मार्शल आर्ट में अद्भुत उत्कृष्टता। चार लोगों को एकसाथ हराने का रिकार्ड।
● उत्तर प्रदेश के जाने-माने तैराक। कई विशाल नदियां पार की।
● एक लेखा विशेषज्ञ, जो कंप्यूटर को भी हरा देता है। प्रसिध्द गणितज्ञ शकुंतला देवी ने भी योगीजी की तारीफ की।
● रात में केवल चार घंटे की नींद। रोजाना सुबह 3:30 बजे उठ जाते हैं।
● योग, ध्यान, गोशाला, आरती, पूजा, प्रतिदिन की दिनचर्या है।
● दिन में दो बार ही खाते हैं..
पूर्णतः शाकाहारी। भोजन में शामिल रहता है कन्द, मूल, फल और देशी गाय का दूध।
● वह अब तक किसी भी कारण से कभी अस्पताल में भर्ती नहीं हुए..
● योगी आदित्यनाथ एशिया के सर्वश्रेष्ठ वन्यजीव प्रशिक्षकों में से एक हैं उन्हें वन्यजीवों से बहुत प्रेम है।।
● योगी का परिवार अभी भी उसी स्थिति में रहता है जैसा उनके सांसद या मुख्यमंत्री बनने के पहले रहता था।
● योगी सालों पहले, सन्यास लेने के बाद सिर्फ एक बार घर गए हैं।
● योगी का सिर्फ एक बैंक अकाउंट है और कोई जमीन संपत्ति उनके नाम नहीं है और न ही उनका कोई खर्च है।
● अपने भोजन कपडे का खर्च वो स्वयं के वेतन से करते हैं और शेष पैसा राहत कोष में जमा कर देते हैं।
ये है योगी आदित्यनाथ की प्रोफाइल.
भारत में एक सच्चे लीडर की प्रोफाइल ऐसी ही होनी चाहिए।
ऐसे संत ही भारत को फिर से विश्व गुरु बना सकते हैं।
?अच्छा लगे तो आगे फारवर्ड करें।
?*??????
संयोग है या किस्मत
चरण - 1
19-04-2024
(1+9)×04×2+0-24 = 56इंच
चरण - 2
26-04-2024
26+04+2+0+24 = 56इंच
चरण - 3
07-05-2024
07+05+20+24 = 56इंच
चरण - 4
13-05-2024
((1+(3×(0+5)×2)+0+24 = 56इंच
चरण - 5
20-05-2024
(20×05)-20-24 = 56इंच
चरण - 6
25-05-2024
25+05+2+0+24 = 56इंच
चरण - 7
01-06-2024
(01×06×20÷2)-4 = 56इंच
परिणाम का दिन
04-06-2024
(04×06×2)+0+(2×4) = 56इंच
???????
इस वीडियो को देखो.. कही होठो पर हँसी होगी ?और कही आँखो मे पानी ?...यही है अब जिन्दगानी.. ??♂️*??*
होली के खूबसूरत रंगों की तरह
आपको और आपके पूरे परिवार को सरोहा परिवार की तरफ से बहुत बहुत रंग भरी उमंग भरी होली की हार्दिक शुभकामनाएं
हैप्पी होली ????
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